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इस प्रकार होता है दैवीय गुणों का विकास

दैवीय गुणों का विकास करने के लिए आध्यात्मिक जीवन के अभ्यासी बनें क्योंकि इस जीवनशैली में स्वाभाविक रूप से जीवन की सिद्धि, सफलताएं, समाधान और कल्याण के सूत्र मौजूद हैं। इसमें क्षमाशीलताएं, विनय और परमार्थ जैसे अनेक सद‌्गुणों का स्थायी वास रहता है। जन्म, जरा और मृत्यु भौतिक शरीर को सताते हैं आध्यात्मिक शरीर को नहीं। आध्यात्मिक व्यक्ति ईश्वरीय शक्ति …

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उत्तर दिशा में न उतारें जूते-चप्पल

 घर में वास्तु का बड़ा महत्व है। पुराने समय से लोग घर बनाते समय वास्तु का ध्यान रखते आए हैं। आज के आधुनिक दौर में भी यह परंपरा बनी हुई है। इसके पीछे मान्यता है कि दिशाओं का और घर के हर हिस्से की ऊर्जा स्तर होता है। इसका ध्यान रखने से हम अपनी परेशानियों को काफी हद तक कम …

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